Sunday, October 10, 2010

महिलाओं का दबदबा

महिलाओं का दबदबा
राष्ट्रमंडल खेल में जिस मुकाबले की उम्मीद पुरुषों से की जा रही थी महिलाएं उससे भी आगे निकलती जा रहीं हैं । निशानेबाजी से लेकर भारोतोल्लक और पुरुष का खेल माना जा रहे कुस्ती में भी महिलाओं ने हैरत अंगेज प्रदर्शन कर सबको चौका दिया । महिलाओं के हैसले का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि केवल कुस्ती में 3 गोल्ड महिलाओं ने ही जीते हैं । पांचवे दिन राष्ट्रमंडल में पूरा खेल महिलाओं के ही नाम रहा । सानिया मिर्जा का जहां फाइनल में पहुंचने से मेडल मिलना तय है वहीं महिला कुस्ती 67 किलो में अनीता ने गोल्ड जीता । 59 किलो फ्री स्टाईल कुस्ती में अलका तोमर ने भी सोना ही जीता, 25 मीचर एयर पिस्टल में गोल्ड और सिल्वर दोनों ही भारत की महिलाओं के नाम ही रहा। पहले स्थान पर अनीसा सय्यद रहीं पर दूसरे स्थान पर कब्जा किया राही सरनोबत ने । भारोतोल्लन में भी भारत का खाता सबसे पहले सोनिया चानू के सिल्वर मेडल से ही खुला था । संध्या रानी ने 48 किलो वर्ग में ब्रांज मेडल जीता निशानेबाजी में भारत को महिला निशानेबाजों से कभी भी उतनी उम्मीद नहीं थी जितनी इन महिला खिलाड़ियों ने कर दिखाया । तेजस्विनी सावंत और लज्जा गोस्वामी ने भारत को 50 मीटर डबल मुकाबले में सिल्वर मेडल जीता । महिला पहलवानों में गीता ने भारत को 55 किलो वर्ग में गोल्ड दिला कर दिखा दिया कि महिलाओं के हौसले कम नहीं है बल्कि सुविधाएं और प्रोत्साहन मिले तो देश की ये युवा महिलाएं उभरते भारत की उपलब्धियों को चार चांद लगा सकती है । (09-10-2010 अमर भारती के अंक में प्रकाशित)

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