Tuesday, July 20, 2010

ख़तरनाक ऑक्टोपस

पॉल ऑक्टोपस की भविष्यवाणियां फीफा फुटबाल विश्वकप में भले ही रोमांच पैदा कर रही थी लेकिन ऐसा नहीं है कि इसके पहले यह दुनिया अंधविश्वासों का शिकार नहीं रही है । बालीबुड में इन्हीं टोटकों का राज चलता है । मुम्बई के कई फिल्म प्रोडयूसर एक विशेष अक्षर से शुरु होने वाले नामों से ही फिल्म का नाम रखते है तो फिल्म की रिलीज भी किसी खास दिन और तारीख को ध्यान में रखकर ही होती है।

फीफा विश्वकप में पॉलऑक्टोपस ने 7 भविष्यवाणियां की थी संयोग कहें या चमत्कार पॉल की हर बात सच साबित होती रही और आठ पैरों वाला ऑक्टोपस ज्योतिषी बन बैठा । हर तरफ ऑक्टोपस बाबा की जय होने लगी । भविष्यवाणी करने वाला पुराना पंडित फेल हो गया । तोते की बात ग़लत साबित हुयी । हालैंड हार गया । लेकिन हार जीत से अलग अब आगे होने वाले मुकाबलों में, हर मैच में चाहे वह फुटवाल हो या क्रिकेट हो या हॉकी ऐसी भविष्यवाणिया होंगी और पहले से भी ज्यादा इन पर लोग विश्वास करेंगे । ऑक्टोपस ने सट्टा बाजारों में जो रोमांच पैदा किया उसने तो फीफा विश्वकप जीतने वाले स्पेन की ईनामी राशि को भी पीछे छोड़ दिया । क्रिकेट मैचों पर आज भी सट्टे लगते है। और यह भी माना जाता है कि इन सट्टों की वजह से ही मैच फिक्सिंग की शुरुआत भी हुयी थी । ऐसे में आज रोमांच पैदा कर रहा ऑक्टोपस पॉल आगामी किसी भी खेल के लिये किस हदतक विलेन बन सकता है इसका अंदाज़ा लगा पाना मुश्किल होगा । जब मेहनत से खेलने और जीतने के बाद मिली ईनामी राशि से कई गुना ज्यादा पैसा हारने से मिलता है तो फिर हारने से नुक्सान ही क्या है। पॉल ऑक्टोपस आज भले ही खेल का भाग्य न बदल पाये लेकिन सट्टेवाजों और खिलाड़ियों का भाग्य ज़रुर बदल जायेगा। मीडिया चैनलों से लेकर अख़बारी दुनियां ने भी पॉलऑक्टोपस की ख़बरें खूब देखी गयी । स्पेन के लिये पॉल भले ही शुभ साबित हुआ हो लेकिन खेल की दुनिया के लिये यह विलेन बन कर आया है इसकी ख़बर किसी को भले ही न हो लेकिन यह ख़तरनाक शुरुआत है । हमे कर्म से आशा करनी होगी, कर्म बड़ा या ऑक्टोपस यह बहस जरुर हो सकती है लेकिन ऑक्टोपस की हार तय है। हमे अंधविश्वासो से बचना होगा।

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