Saturday, November 20, 2010

मौन धारण क्यों

प्रधानमंत्री किसी पार्टी के नेता बाद में हैं लेकिन पहले वह देश के जिम्मेदार मालिक हैं । प्रधानमंत्री की एक चुप्पी पर सवाल उठना लाजमी है लेकिन बाकी चुप्पियों का क्या होगा जो मौन ब्रत देश में भ्रष्टाचार को लेकर जितना हो हल्ला विपक्ष मचा रहा है उसमें कितनी सच्चाई है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब भी विश्वबैंक में जमा काले धन को लाने की बात की जाती है तो सभी पार्टियों के नेता एक सुर हो जाते हैं । विश्वबैंक में जमा रुपया किसी का भी हो वापस आए या न आए लेकिन यह खुलासा होना तो जरुरी है ही कि आखिर क्यों देश का पैसा विदेशों में जमा किया गया । अगर विपक्ष इस मांग पर अड़ती और संसद ठप करती तो शायद सरकार गिर भी सकती है और देश में हो रहे भ्रष्टाचार की असली तस्वीर भी साफ हो जायेगी । विश्वबैंक में जमा काले धन के उजागर होने से कई राजा सामने आने तय हैं। लेकिन ऐसा नहीं होगा। विपक्ष को पता है कि विश्वबैंक में जमा धन किसी एक पार्टी का नहीं है बल्कि सभी पार्टी के नेताओं ने विश्वबैंक में धन जमा किया है । स्विस बैंक की एक चिट्ठी की माने तो सबसे ज्यादा पैसा भारत का है दूसरे नंबर पर रुस है। काफी गुजारिश के बाद स्विस बैंक असोसिएशन ने इस बात का खुलासा किया है । भारतीयों के कुल 65,223 अरब रुपये जमा हैं। दूसरे नंबर पर रूस है जिसके करीब 21,235 अरब रुपये जमा हैं। हमारा पड़ोसी चीन पांचवें स्थान पर है, उसके मात्र 2154 अरब रुपये जमा हैं। भारतीयों का जितना धन स्विस बैंक में जमा है, तकनीकी रूप से वह हमारे जीडीपी का 6 गुना है। तकनीकी रूप से यह ब्लैक मनी है। अगर यह धन देश में वापस आ गया तो देश की इकोनॉमी और आम आदमी की बल्ले-बल्ले हो सकती है। अमेरिकी एक्सपर्ट का अनुमान है कि स्विस बैंकों में भारतीयों का जितना धन जमा है, अगर वह उसका 50 पर्सेंट भी भारत को मिल गया तो हर साल प्रत्येक भारतीय को 2000 रुपये मुफ्त में दिए जा सकते हैं। यह सिलसिला 30 साल तक जारी रहा सकता है। यानी देश में गरीबी दूर हो जाएगी। देश में कोई भी बेरोजगार नहीं रहेगा। जितना धन स्विस बैंक में भारतीयों का जमा है, उससे उसका 30 पर्सेंट भी देश को मिल जाए तो करीब 20 करोड़ नई नौकरियां पैदा की जा सकती है। 50 पर्सेंट धन मिलेगा तो 30 करोड़ नौकरियां मार्केट में आ सकती हैं। स्विस बैंकों में भारतीयों का जितना ब्लैक मनी जमा है, अगर वह सारी राशि भारत को मिल जाती है तो देश को चलाने के लिए बनाया जाने वाला बजट बिना टैक्स के 30 साल के लिए पर्याप्त होगा। यानी बजट ऐसा होगा कि जिसमें कोई टैक्स नहीं होगा। आम आदमी को इनकम टैक्स नहीं देना होगा और किसी भी वस्तु पर कस्टम या सेल टैक्स नहीं देना होगा। तो क्या इस स्विस बैंक के काले धन पर जांच और भारत लाने की मुहिम की अगुवाई करने वाला कोई सत्ता पक्ष या विपक्ष का नेता है । प्रधानमंत्री और विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज भी ऐसे मुद्दों पर मौन धारण कर लेती हैं। तो इन चुप्पियों का क्या होगा ।

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