Wednesday, December 1, 2010

मजाक कब तक



अमेरिका विकीलीक्स के खुलासे में भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध होने के हालात में पाकिस्तान को भी दोयम दर्ज़े का नहीं मान रहा है। यह वही अमेरिका है जो हमेशा पाकिस्तान को आतंक पर लगाम लगाने की झूठी गुजारिश करता है । भारत पहले भी अमेरिका की पाकिस्तानी नीति पर सवाल उठा चुका है कि अमेरिका से मिली मदद का पाक सैन्य ताकत बढ़ाने और आतंकवाद को पालने पोसने में कर रहा है लेकिन यह अमेरिका की नीति का ही हिस्सा था कि उसे मदद की भारी खेप जारी रही और पाक की आतंकियों और दहशतगर्दों को हर तरह से समर्थन । विकीलीक्स के खुलासे की माने तो अमेरिका भारत-पाक के बीच के तनाव से वाकिफ था और उसे युद्ध की स्थिति में पाक को भी मजबूत माना । विदेशमंत्री और सरकार भले ही कहे कि विकीलीक्स के खुलासों से भारत और अमेरिका के संबंधों पर असर पड़ने वाला नहीं है लेकिन सही मायने में यह भारत की वास्तविक हालात को नकारना ही है । अमेरिका विकीलीक्स के खुलासे के बाद बैकफुट पर आ चुका है । उसकी हर चाल उल्टी पड़ती जा रही है । भारत और बाकी देशों के खिलाफ़ अमेरिका और अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की नीति का खुलासा हो चुका है । इसे भारत को गंभीरता से लेना चाहिए । विकीलीक्स की सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता । अगर खुलासे गलत हैं तो फिर अमेरिका गुप्त दस्तावेजों को लीक करने वालों पर कार्रवाई करने का मन क्यों बना रहा है। गलत खुलासे की सजा तो विकीलीक्स के मालिक को मिलनी चाहिए । यह भारत के लिये सुनहरा मौका है । जब अमेरिका की घेरा बंदी कर उसे संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद् में बेनकाब किया जा सकता है । जिस अमेरिका के साथ भारत आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर खुल कर चर्चा करता है । उस अमेरिका के ही विदेश मंत्री ने भारत की सुरक्षा परिषद् में दावेदारी का मजाक उड़ाया। भारत को समझना होगा, हमें अमेरिका की मजाकेदार घोषणाओं पर तालियां बजाने और खुश होने की वजाय स्थिति को समझना होगा नहीं तो फिर कोई ओबामा भारत आयेगा और हमारे संसद में भाषणबाजी कर चला जायेगा और हम सालों खुश होते रहेंगे और अमेरिका हमारा मजाक उड़ाता रहेगा ।

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