Monday, December 13, 2010

शोहरत का अश्लील धंधा ?

याना गुप्ता की वह तस्वीर जिसने की करोड़ों की कमाई

अश्लील शब्द को बोलना कभी अक्षम्य माना जाता था और शालीनता हर व्यापार की कुंजी हुआ करती थी । लेकिन अब अश्लीलता खुद तो व्यापार है ही साथ ही साथ हर धंधे को तेजी से फलने फूलने का मौका भी दे रही है । फ़ैशन भी इस नकारात्मक बदलाव का अहम हिस्सा बनता जा रहा है लेकिन सबसे अहम जो है वह है कि हम चाहते क्या हैं ?

बीते दिनों अभिनेत्री याना गुप्ता की एक तस्वीर सुर्खियों में आ गयी। जिसमें था कुछ भी नहीं लेकिन कहने को अश्लीलता थी । या कहें कि अब अश्लीलता एक दिमागी बीमारी भी होती जा रही है । हम ऐसा इस लिये कह रहें है कि हमारे तमाम साधु संत, जैन बंधु नंगे विचरण करते है लेकिन वो अश्लील नहीं लगते बल्कि पूजे जाते हैं । यानी कि अश्लीलता देखने वालों की आँखों में होती है । वही हाल यहां था उस तस्वीर में क्या है इससे मतलब नहीं है मतलब है कि आप देखना क्या चाहते हैं।

याना गुप्ता की अंत:वस्त्र विहीन यानी शुद्ध अंग्रेज़ी में कहें तो (panti less image) एक तस्वीर का हंगामा रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है । यहां तक कि एक विदेशी पत्रिका ने उस तस्वीर को करोड़ों में खरीदने की कोशिश की है और ऐसी तस्वीरें उससे करारा करने के बाद खिंचवाने पर मोटी कामाई का भरोसा भी दिया है।  यानी याना की बल्ले-बल्ले । एक कथित रुप से अश्लील तस्वीर किस तरह कमाई का जरिया बन जाती है वो भी करोड़ों की यह अपने आप में बदलाव का ही संकेत नहीं है तो फिर क्या है । यह  लोगों की नंगी सोच को ही दर्शाता है । नंगी देह हो या न हो लेकिन आंखों में तस्वीर नंगी बनने लगती है । यह भी दिखाता है कि अब अश्लीलता व्यापार का अहम हिस्सा हो चुकी है । इसे व्यापार से अलग कर पाना आसान नहीं होगा । यही नहीं वयस्कों के लिए किताबें छापने वाले पब्लिकेशन और वेबसाइटों ने याना से कुछ ऐसी ही तस्वीरें खिंचवाने की मांग कर रहे हैं | मतलब साफ़ है कि यह सिलसिला रूकने वाला नहीं है ।

चर्चा तो यह भी है कि पिछले दिनों हुआ विवाद अकस्मात न होकर पूर्व नियोजित था,  यानी सब कुछ पहले से तय, क्योंकि इससे याना का डूबता कॅरियर ट्रैक पर आ सकता है। इस वक्त आकार ले रहे हालात तो कम से कम यही दर्शाते हैं, कि याना को फायदा पहुंचा है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, इसके पहले भी विदेशी अभिनेत्रियों के ड्रेस रैम्प पर खिसकने और सुर्खियों में आने की घटनाएं तो कई बार आ चुकीं हैं । पामेला एंडरसन और जैक्सन की ड्रेस ही नहीं हमारे बॉलीवुड की मलाईका अरोरा और नेहा धूपिया की पोशाक भी गिर चुकी है। इस पर कई बार सवाल उठे हैं लेकिन इससे इन अभिनेत्रियों और माडलों को फायदा ही हुआ नुकसान नहीं, तो फिर इसे क्या माना जाए शोहरत के लिये अब अश्लीलता जरुरी हो चुकी है ? क्या अश्लीलता रैम्प से लेकर सड़क तक व्यवसाय का हिस्सा हो चुकी है ? हिस्स की किस्स सुर्खियों में रहती है तो मल्लिका शहरावत की डिमांड बढ़ जाती है । तो फिर क्या यह सही नहीं है कि अब अश्लीलता तगड़ा व्यवसाय करने की एक सीड़ी का रुप लेता जा रहा है और अश्लील तस्वीर से उत्पाद बिकने लगे हैं ।

लेकिन इस अश्लीलता की भी एक सीमा होनी चाहिये । यह कौन तय करेगा यह पता नहीं । फिल्म निर्माता और रैम्प शोज करने वालों के लिए सस्ते प्रचार और कमाई का हिस्सा हो चुकी है अश्लीला और बाद में संयोग से ऐसा हो गया कह कर बचने की आदत तो पुरानी है ही लेकिन क्या सेंसरबोर्ड का डंडा इधर भी चलेगा जिससे जानूबझ कर की गयी इस व्यवसायिक गलती की सजा तय की जा सके । यानी की नो पैंटी सीन के बाद तो लगातार मॉडल विना उसके ही नज़र आ रहीं है । नाम नहीं बताऊंगा क्यों कि पाठकगण खुद यह तय करें कि यह कौन है ? और यह क्या हो रहा है ?  इस खूबसूरत गलती पर आप के विचार क्या हैं ? आप ब्लॉग पाठकों को जरूर बताइयेगा |
अखिलेश कृष्ण मोहन
लेखक अमर भारती दैनिक के उपसंपादक/संवाददाता हैं। 



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